Bhajan nyilvános
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मोक्ष प्राप्ति का अर्थ होता है जीवन मरण के चक्र से मुक्त हो जाना। मोक्ष का प्राप्ति के बाद मनुष्य को दोबारा इस मृत्युलोक पर जन्म लेने की आवश्यकता नहीं रहती है। इसलिए हर मनुष्य मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति करना चाहता है।
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राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, और इन्हें श्रीराम और श्रीरामचन्द्र के नामों से भी जाना जाता है। रामायण में वर्णन के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा, चक्रवर्ती सम्राट दशरथ ने पुत्र की कामना से यज्ञ कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। श्रीराम का जन्म देवी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में हुआ था।
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गोपाल चरवाहा . उत्तर प्रांत की कमलावती नगरी में गोपाल नाम का एक चरवाहा रहता था। . वह पढ़ा-लिखा नहीं था और उसने कथा-वार्ता भी नहीं सुनी थी। दिन-भर गायों को जंगल में चराया करता था। . दोपहर को स्त्री छाक पहुचा दिया करती थी। गोपाल सीधा सरल और निश्चिंत था। उसे ‘राम-राम’ जपने की आदत पड़ गई थी सो उसका जप वह सुबह शाम थोड़ा-बहुत कर लेता था। . इस प्रकार उसकी उम…
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भक्तिमती जनाबाई सुविख्यात भक्त श्रेष्ठ श्रीनामदेवजीके घरमें नौकरानी थी। घरमें झाड़ू देना, बरतन माँजना कपड़े धोना और जल भरना आदि सभी काम उसे करने पड़ते थे। ऋषि-मुनियोंकी सेवामें रहकर पूर्वजन्ममें जैसे देवर्षि नारदजी भगवान्के परम प्रेमी बन गये थे, वैसे ही भक्तवर नामदेवजीके घरमें होनेवाली सत्सङ्गति तथा भगवच्चचकि प्रभावसे जनाबाईके सरल हृदयमें भी भगवत्प्…
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